दूर अवरक्त एक प्रकार की विद्युत चुम्बकीय तरंग है, जिसकी तरंग दैर्ध्य सीमा लगभग 4 - 1000 माइक्रोन के बीच होती है, जो मानव शरीर द्वारा उत्सर्जित दूर अवरक्त की तरंग दैर्ध्य के करीब है, और इसलिए इसे मानव शरीर द्वारा प्रभावी ढंग से अवशोषित किया जा सकता है।